1000 Bharatiya Sanskriti Prashnottari (Hindi)


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‘1000 भारतीय संस्कृति प्रश्‍नोत्तरी’ पाठकों को भारतीय संस्कृति से संबद्ध—प्राचीन एवं नवीन—विभिन्न जानकारियों; वस्तुनिष्‍ठ तथ्यों व महत्त्वपूर्ण संदर्भों से परिचित कराएगी। इसे पढ़कर पाठकगण भारतीय संस्कृति से संबद्ध ग्रंथों व उनके रचनाकारों; महत्त्वपूर्ण तिथियों; दिवसों; पक्षों; माहों व व्रतों; विभिन्न अंकों से संबद्ध जानकारियों; रोमांचक जानकारियों; महापुरुषों; नारियों; देवी-देवताओं; प्रतीकों; साधु-संतों; ऋषि-मुनियों; स्थलों; नदियों; जीव-जंतुओं; मेले; पर्वों; त्योहारों व उत्सवों; नृत्य-नाट्य शैलियों; चित्रकला; गीत-संगीत; वाद्यों एवं वादकों; गायकों; अस्‍‍त्र-शस्‍‍त्रों; विभिन्न अवतारों; विभिन्न व्यक्‍तियों के उपनामों; उपाधियों व सम्मानों; संस्कार; योग; वेद; स्मृति; दर्शन एवं अन्यान्य ग्रंथों के संबंध में संक्षिप्‍त व महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्‍त कर सकेंगे।
विश्‍वास है; प्रस्तुत पुस्तक सामान्य पाठकों के अलावा लेखकों; संपादकों; पत्रकारों; वक्‍ताओं; शिक्षकों; विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी। वस्तुत:; यह भारतीय संस्कृति का संदर्भ कोश है।

1000 BHARATIYA SANSKRITI PRASHNOTTARI by RAJENDRA PRATAP SINGH: “1000 BHARATIYA SANSKRITI PRASHNOTTARI” is a book authored by Rajendra Pratap Singh. In this informative work, Singh presents a collection of 1000 questions and answers related to Indian culture. The book serves as a valuable resource for individuals interested in exploring India’s rich cultural heritage.

Key Aspects of the Book “1000 BHARATIYA SANSKRITI PRASHNOTTARI”:
Cultural Knowledge: Rajendra Pratap Singh offers a wide-ranging collection of questions and answers that cover various aspects of Indian culture, including history, traditions, and art.
Trivia and Learning: The book provides an opportunity for readers to expand their knowledge of Indian culture through trivia and informative questions.
Cultural Exploration: “1000 BHARATIYA SANSKRITI PRASHNOTTARI” encourages readers to explore and appreciate the depth and diversity of India’s cultural heritage.

Rajendra Pratap Singh is an author known for his works on Indian culture and heritage. His book reflects his passion for preserving and sharing knowledge about India’s rich cultural traditions.


From the Publisher

1000 Bharatiya Sanskriti Prashnottari (Hindi) by Rajendra Pratap Singh

1000 Bharatiya Sanskriti Prashnottari (Hindi) by Rajendra Pratap Singh1000 Bharatiya Sanskriti Prashnottari (Hindi) by Rajendra Pratap Singh

विश्वास है, प्रस्तुत पुस्तक सामान्य पाठकों के अलावा लेखकों, संपादकों, वक्ताओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी।

‘1000 भारतीय संस्कृति प्रश्नोत्तरी’ पाठकों को भारतीय संस्कृति से संबद्ध—प्राचीन एवं नवीन—विभिन्न जानकारियों, वस्तुनिष्ठ तथ्यों व महत्वपूर्ण संदर्भों से परिचित कराएगी। इसे पढ़कर पाठकगण भारतीय संस्कृति से संबद्ध ग्रंथों व उनके रचनाकारों; महत्त्वपूर्ण तिथियों, दिवसों, पक्षों, माहों व व्रतों; विभिन्न अंकों से संबद्ध जानकारियों; रोमांचक जानकारियों; महापुरुषों, नदियों, देवी-देवताओं, प्रतीकों; साधु-संतों, ऋषि-मुनियों; स्थलों, नदियों, जीव-जंतुओं; मेले, पर्वों त्योहारों व उत्सवों; नृत्य-नाट्य शैलियों, चित्रकला, गीत-संगीत, वाद्यों एवं वादकों, गायकों; अस्त्र-शस्त्रों, विभिन्न अवतारों; विभिन्न व्यक्तियों के उपनामें, उपाधियों व सम्मानों; संस्कार, योग, वेद, स्मृति, दर्शन एवं अन्यान्य ग्रंथों के संबंध में संक्षिप्त व महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कर सकेंगे। विश्वास है, प्रस्तुत पुस्तक सामान्य पाठकों के अलावा लेखकों, संपादकों, पत्रकारों, वक्ताओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी। वस्तुतः, यह भारतीय संस्कृति का संदर्भ कोश है।

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Rajendra Pratap SinghRajendra Pratap Singh

Rajendra Pratap Singh

जन्म : 19 मार्च, 1973 को ग्राम पचवर का पुरवा, बेलामुंडी, इलाहाबाद में । गत दस वर्षों से संपादन कार्य के माध्यम से हिंदी साहित्य व पत्रकारिता से संबद्ध । अब तक लगभग चार सौ पुस्तकों के संशोधन-संपादन का अनुभव ।लेखन : कहानी, लघुकथा, व्यंग्य एवं आलेख विधा पर लगभग पचास रचनाएँ प्रकाशित । ‘ 1000 रामायण प्रश्‍नोत्तरी ‘ व ‘ 1000 महाभारत प्रश्‍नोत्तरी ‘ पुस्तकें प्रकाशित ।संप्रति : अनेक प्रतिष्‍ठ‌ित प्रकाशनों की हिंदी पुस्तकों का संपादन कार्य, ‘ साहित्य अमृत ‘ पत्रिका में संपादन सहयोग तथा स्वतंत्र लेखन ।

लेखक की अन्य प्रसिद्ध कृतियां।

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1000 Ramayana Prashnottari

क्या आप जानते हैं; ‘वह कौन वीर था; जिसने रावण को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया था और उसके (रावण के) पितामह के निवेदन पर उसे मुक्त किया था’; ‘लक्ष्मण; हनुमान; भरत और शत्रुघ्न को किन दो भाइयों ने युद्ध में पराजित कर दिया था’; ‘कुंभकर्ण के शयन हेतु रावण ने जो घर बनवाया था; वह कितना लंबा-चौड़ा था’; ‘राक्षसों को ‘यातुधान’ क्यों कहा जाता है’; ‘हनुमानजी का नाम ‘हनुमान’ कैसे पड़ा’; ‘लंका जाने हेतु समुद्र पर बनाए गए सेतु की लंबाई कितनी थी’ तथा ‘रामायण में कुल कितने वरदानों और शापों का वर्णन है?’ यदि नहीं; तो ‘रामायण प्रश्नोत्तरी’ पढें।

1000 Bharatiya Sanskriti Prashnottari

इसे पढ़कर पाठकगण भारतीय संस्कृति से संबद्ध ग्रंथों व उनके रचनाकारों; महत्त्वपूर्ण तिथियों, दिवसों, पक्षों, माहों व व्रतों; विभिन्न अंकों से संबद्ध जानकारियों; रोमांचक जानकारियों; महापुरुषों, नदियों, देवी-देवताओं, प्रतीकों; साधु-संतों, ऋषि-मुनियों; स्थलों, नदियों, जीव-जंतुओं; मेले, पर्वों त्योहारों व उत्सवों; नृत्य-नाट्य शैलियों, चित्रकला, गीत-संगीत, वाद्यों एवं वादकों, गायकों; अस्त्र-शस्त्रों, विभिन्न अवतारों; विभिन्न व्यक्तियों के उपनामें, उपाधियों व सम्मानों; संस्कार, योग, वेद, स्मृति, दर्शन एवं अन्यान्य ग्रंथों के संबंध में संक्षिप्त व महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कर सकेंगे।

1000 Mahabharat Prashnottari

इस पुस्तक में भीष्म, द्रोण, कर्ण, अर्जुन, भीम एवं अभिमन्यु जैसे पराक्रमियों के अद‍्भुत शौर्य का वर्णन तो है ही, विभिन्न शस्त्रास्त्रों, दिव्यास्त्रों एवं उनके प्रयोगों और प्रयोग के पश्‍चत् परिणामों की जानकारी भी दी गई है । इसके अतिरिक्‍त महाभारतकालीन नदियों, पर्वतों, राज्यों, नगरों तथा राज्याधिपतियो का सुस्पष्‍ट संदर्भ भी जानने को मिलता है । साथ ही लगभग दो सौ विभिन्न पात्रों के माता, पिता, पत्‍नी, पुत्र- पुत्री, पितामह, पौत्र, नाना, मामा आदि संबंधों का खोजपरक विवरण भी ।

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ASIN ‏ : ‎ B01M9G2RL0
Publisher ‏ : ‎ Prabhat Prakashan (1 January 2012)
Language ‏ : ‎ Hindi
File size ‏ : ‎ 2389 KB
Text-to-Speech ‏ : ‎ Enabled
Screen Reader ‏ : ‎ Supported
Enhanced typesetting ‏ : ‎ Enabled
Word Wise ‏ : ‎ Not Enabled
Print length ‏ : ‎ 200 pages

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Rihan Khan
Rihan Khan
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