BHAGWAT KI KATHAYEN: A Collection of Timeless and Inspiring Stories from Hindu Mythology (Hindi Edition)


Price: ₹15.75
(as of Jan 04, 2024 19:06:53 UTC – Details)



श्रीमद‍भागवत ‘ महान् पौराणिक ग्रंथ है । यह विश्‍व के सर्वश्रेष्‍ठ ग्रंथों में एक; संस्कृत साहित्य का परमोत्कृष्‍ट रत्‍न रथा सभी दार्शनिक मतभेदों का समन्वय करनेवाला ग्रंथ है । भगवान् के मधुरतम प्रेमरस का लहराता हुआ सागर है । जिस धर्म में कोई कपट न हो; ऐसा धर्म भागवत का मुख्य विषय है ।
‘ रामचरितमानस ‘ की भांति भागवत भी जन- जन तक पहुँच सके तो समाज प्रेमसूत्र में गुँथकर हिंसा; क्लेश; वैर – विरोध; ईर्ष्या-द्वेष; कामना-क्रोध जैसे दुर्गुणों से बच सकता है । आज शेषशायी की कथाओं से दूर तरुणाई ‘ सेजशायी ‘ लौकिक व्यक्‍त‌ियों से प्रभावित होने लगी है । ऐसे कठिन समय में श्रीमद‍्भागवत को आधार बनाकर जो कथाएँ लिखी गई हैं वे अत्यंत जनोपयोगी हैं ।
कथा में साधारण समाज का मन लगता है और इससे संस्कार-परिवर्तन की प्रक्रिया प्रारंभ होती है ।
प्रस्तुत पुस्तक में श्रीमद‍्भागवत की कथाओं- अंत:कथाओं का इतना सरल; रोचक और आनंददायी वर्णन है कि इसे स्त्री -पुरुष; बाल-वृद्ध बड़े चाव से पढ़ेंगे. ऐसा विश्‍वास है । भागवत की कथाओं का एक नए प्रवाह; एक नई शैली में प्रस्तुतिकरण; साथ ही बीच-बीच में कथाओं से संबंधित चित्रों का ऐसा सामंजस्य कि श्रीमद‍्भागवत के एक अलग ही स्वरूप के दर्शन होते हैं ।

BHAGWAT KI KATHAYEN by MANU HARI PATHAK: Manu Hari Pathak presents a collection of stories from the Bhagwat Purana. This book offers readers the opportunity to delve into the timeless tales and teachings of Hindu mythology.

Key Aspects of the Book “BHAGWAT KI KATHAYEN”:
Mythological Stories: The book features captivating narratives from the Bhagwat Purana, providing readers with a deeper understanding of Hindu mythology.
Spiritual Insights: Manu Hari Pathak explores the spiritual and moral lessons embedded in these ancient stories, offering readers guidance for personal growth.
Cultural Richness: “BHAGWAT KI KATHAYEN” serves as a cultural and spiritual resource, preserving and sharing the wisdom of Hindu mythology.

MANU HARI PATHAK is an author dedicated to promoting the teachings and stories of Hindu mythology. This book reflects his commitment to preserving and sharing this rich cultural heritage.

ASIN ‏ : ‎ B07F1TGDFM
Publisher ‏ : ‎ Prabhat Prakashan (1 January 2013)
Language ‏ : ‎ Hindi
File size ‏ : ‎ 696 KB
Text-to-Speech ‏ : ‎ Enabled
Screen Reader ‏ : ‎ Supported
Enhanced typesetting ‏ : ‎ Enabled
Word Wise ‏ : ‎ Not Enabled
Print length ‏ : ‎ 264 pages

Rihan Khan
Rihan Khan
Articles: 1303

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

КУПИТЬ В МАГАЗИНЕ ru center.