Shivaji ke 5 Prabandhan Mantra: Leadership Lessons from the Maratha King – Learning Management Secrets from the Maharashtrian Monarch (Hindi Edition)


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आज के प्रतिस्पर्धी युग में सफल व्यक्ति कहलाने के लिए यदि कोई उद्योगपति नहीं बन सकता, तो उसे या तो नेतृत्वकर्ता बनना पडे़गा या फिर प्रशासक या प्रबंधक। ऐसे में यदि भारत को अपनी पूरी संभावनाओं के साथ इस विश्वव्यापी प्रतिस्पर्धा में सफल होना है, तो उसे अपने भावी नेतृत्वकर्ताओं अर्थात् युवाओं के समक्ष स्वदेशी प्रेरणा-पुरुष को ही सामने रखना पडे़गा। इस दृष्टि से राष्ट्र-निर्माण के लिए भारतीय इतिहास में छत्रपति शिवाजी महाराज जैसा सफल व आदर्श प्रेरणा-पुरुष के अतिरिक्त और कौन हो सकता है? साधन को संसाधन (रिसोर्स) बनाने की योजना बनाने व उसे ठीक प्रकार से लागू करने की प्रक्रिया को ही प्रबंधन (मैनेजमेंट) या प्रबंधन कला या प्रबंधन कौशल कहा जाता है। अब यदि हम इसे शिवाजी महाराज के जीवन पर लागू करें तो प्रबंधन की परिभाषा इस प्रकार होगी—‘सही पारिश्रमिक देकर लोगों के माध्यम से काम करने की कला।’ जी हाँ, यदि शिवाजी महाराज प्रबंधन कला के विशेषज्ञ नहीं होते तो स्थानीय मालव जनजाति के लोगों से कैसे संगठित सेना का विकास कर पाते? और यदि उच्च कुशलता संपन्न यह सेना नहीं होती, तो फिर शिवाजी महाराज के लिए स्वराज का स्वप्न देख पाना और उसे साकार कर पाना कैसे संभव हो पाता? फिर वह, वर्षा के पानी के बहाव को रोकने, हवा से बिजली पैदा कर पाने, समुद्री लहरों से ऊर्जा प्राप्त करने और आग, धुआँ व ध्वनि का संचार का माध्यम की तरह उपयोग कर पाने में कैसे सक्षम हो पाते? छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने उत्तम प्रबंधकीय कौशल से हिंद स्वराज का सफल संयोजन किया। उनके बताए प्रबंधन सूत्र आज भी उतने ही प्रासंगिक और प्रभावी है।

SHIVAJI KE 5 PRABANDHAN MANTRA by PRADEEP THAKUR: Gain insights into the leadership and management principles of Shivaji in “SHIVAJI KE 5 PRABANDHAN MANTRA.” PRADEEP THAKUR explores the strategies and principles that made Shivaji a visionary king and effective administrator.

Key Aspects of the Book “SHIVAJI KE 5 PRABANDHAN MANTRA”:
Leadership Philosophy: The book delves into Shivaji’s leadership philosophy, highlighting the principles and values that guided his rule and administration.
Strategic Governance: Explore the strategic decisions, policies, and administrative practices that contributed to Shivaji’s successful rule and the growth of the Maratha Empire.
Legacy of Governance: Discover the lasting impact of Shivaji’s governance principles and their relevance in modern leadership and management.

PRADEEP THAKUR offers insights into Shivaji’s governance strategies in “SHIVAJI KE 5 PRABANDHAN MANTRA,” drawing inspiration from the historical figure’s leadership approach. As an author and scholar, Thakur presents Shivaji’s administrative wisdom.


From the Publisher

SHIVAJI KE 5 PRABANDHAN MANTRA by Pradeep Thakur

SHIVAJI KE 5 PRABANDHAN MANTRA by Pradeep Thakur SHIVAJI KE 5 PRABANDHAN MANTRA by Pradeep Thakur

राष्ट्र-निर्माण के लिए भारतीय इतिहास में छत्रपति शिवाजी महाराज जैसा सफल व आदर्श प्रेरणा-पुरुष के अतिरिक्त और कौन हो सकता है?

आज के प्रतिस्पर्धी युग में सफल व्यक्ति कहलाने के लिए यदि कोई उद्योगपति नहीं बन सकता, तो उसे या तो नेतृत्वकर्ता बनना पडे़गा या फिर प्रशासक या प्रबंधक। ऐसे में यदि भारत को अपनी पूरी संभावनाओं के साथ इस विश्वव्यापी प्रतिस्पर्धा में सफल होना है, तो उसे अपने भावी नेतृत्वकर्ताओं अर्थात् युवाओं के समक्ष स्वदेशी प्रेरणा-पुरुष को ही सामने रखना पडे़गा। इस दृष्टि से राष्ट्र-निर्माण के लिए भारतीय इतिहास में छत्रपति शिवाजी महाराज जैसा सफल व आदर्श प्रेरणा-पुरुष के अतिरिक्त और कौन हो सकता है?

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साधन को संसाधन (रिसोर्स) बनाने की योजना बनाने व उसे ठीक प्रकार से लागू करने की प्रक्रिया को ही प्रबंधन (मैनेजमेंट) या प्रबंधन कला या प्रबंधन कौशल कहा जाता है। अब यदि हम इसे शिवाजी महाराज के जीवन पर लागू करें तो प्रबंधन की परिभाषा इस प्रकार होगी—‘सही पारिश्रमिक देकर लोगों के माध्यम से काम करने की कला।’ जी हाँ, यदि शिवाजी महाराज प्रबंधन कला के विशेषज्ञ नहीं होते तो स्थानीय मालव जनजाति के लोगों से कैसे संगठित सेना का विकास कर पाते? और यदि उच्च कुशलता संपन्न यह सेना नहीं होती, तो फिर शिवाजी महाराज के लिए स्वराज का स्वप्न देख पाना और उसे साकार कर पाना कैसे संभव हो पाता? फिर वह, वर्षा के पानी के बहाव को रोकने, हवा से बिजली पैदा कर पाने, समुद्री लहरों से ऊर्जा प्राप्त करने और आग, धुआँ व ध्वनि का संचार का माध्यम की तरह उपयोग कर पाने में कैसे सक्षम हो पाते? छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने उत्तम प्रबंधकीय कौशल से हिंद स्वराज का सफल संयोजन किया। उनके बताए प्रबंधन सूत्र आज भी उतने ही प्रासंगिक और प्रभावी है।

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Pradeep ThakurPradeep Thakur

Pradeep Thakur

वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप ठाकुर को भारत के प्रमुख मीडिया समूहों दिल्ली प्रेस, अमर उजाला व दैनिक जागरण में विभिन्न संपादकीय पदों पर काम करने और विविध विषयों पर लिखने व विश्लेषण प्रस्तुत करने का दो दशक से भी अधिक समय का अनुभव प्राप्त है।उनकी अंग्रेजी में प्रकाशित कृतियाँ हैं ‘टाटा नैनो द पीपल्स कार’, ‘कैरीइंग धीरूभाई’, ‘विजन फॉरवर्ड मुकेश अंबानी’, ‘द शाइनिंग स्टार ऑफ अमेरिका एंड द वर्ल्ड बराक ओबामा’, ‘द किंग ऑफ स्टील लक्ष्मी एन. मित्तल’, ‘अन्ना हजारे द फेस ऑफ इंडिया अगेंस्ट करप्शन’, ‘एंजेलीना जोली इज शी द मोस्ट पॉवरफुल सेलिब्रिटी’ और ‘टाइगर इन द वुड्स द स्टोरी ऑफ नं. 1 स्पोर्ट्स-ब्रांड टाइगर वुड्स’।

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Veer Shivaji

इतिहास सत्य के बाह्य पक्ष की ओर जहाँ संकेत करता है वहाँ कल्पना उसके आंतरिक सत्य का दर्शन कराती है। इसी से सत्य को सजीव बनाने के लिए, उसका जीवंत चित्र खींचने के लिए कल्पना के पुट की भी आवश्यकता पड़ती है; किंतु यह कल्पना परियों के देश की नहीं होती जो आदमी को सोने की चिडि़या बना देती है, वरन् इतिहास में वर्णित हाड़-मांस के आदमी में प्राण फूँककर पाठकों के सामने चलता-फिरता, हँसता-बोलता मनुष्य तक ही सीमित रखती है। इस उपन्यास में भी शिवाजी को पाठकों के समक्ष ऐसा ही उपस्थित करने का प्रयास है।

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छत्रपति शिवाजी महाराज अप्रतिम थे। उनका पराक्रम; कूटनीति; दूरदृष्टि; साहस व प्रजा के प्रति स्नेहभाव अद्वितीय है। सैन्य-प्रबंधन; रक्षा-नीति; अर्थशास्त्र; विदेश-नीति; वित्त; प्रबंधन— सभी क्षेत्रों में उनकी अपूर्व दूरदृष्टि थी; जिस कारण वे अपने समकालीन शासकों से सदैव आगे रहे। राष्ट्रप्रेम से अनुप्राणित उनका जीवन सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है और अनुकरणीय भी।

SHIVAJI KE SECRETS by Pradeep Thakur

छत्रपति शिवाजी महाराज आधुनिक प्रबंधन के महागुरु, महासाधक व संस्थापक थे तो उनके प्रबंधन-सूत्रों को हमेशा याद रखने व उन्हें अपने संगठन में लागू करने की आवश्यकता है। आज के अस्थिर व अनिश्चित विश्व में हर प्रकार के संगठन के लिए कुशल प्रबंधकों व नेतृत्वकर्ताओं की आवश्यकता अधिक महत्त्वपूर्ण हो गई है, इस 21वीं शताब्दी में किसी भी संगठन को उसमें काम करनेवाले लोग ही विश्वस्तरीय संगठन बना सकते हैं। लेकिन विशेष रूप से व्यावसायिक संगठनों के ढुलमुल व्यापार-व्यवहारों को देखते हुए ऐसा लगता है कि उनमें प्रबंधन के आधारभूत सिद्धांतों को ठीक प्रकार से समझा व लागू नहीं किया जा रहा है।

SHIVAJI Va MARATHA SAMARAJYA by PRADEEP THAKUR

शिवाजी भारत के महान् योद्धा एवं रणनीतिकार थे, जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुग़ल साम्राज्य से संघर्ष किया। सन 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वे छत्रपति बने। शिवाजी ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये तथा छापामार युद्ध की नयी शैली (शिवसूत्र) को विकसित किया। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनैतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और फ़ारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया।

ASIN ‏ : ‎ B07MK6V6SD
Publisher ‏ : ‎ Prabhat Prakashan (22 December 2018)
Language ‏ : ‎ Hindi
File size ‏ : ‎ 705 KB
Text-to-Speech ‏ : ‎ Enabled
Screen Reader ‏ : ‎ Supported
Enhanced typesetting ‏ : ‎ Enabled
Word Wise ‏ : ‎ Not Enabled
Print length ‏ : ‎ 17 pages

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Rihan Khan
Rihan Khan
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